Friday, 9 September 2011

देव ..................... मेरा बेटा

 

वो तुमसे है सुनता, तुम्ही सा है दिखता
तुम्हारी ही आँखों से तारे वो गिनता

नन्ही सी बाहें फूलों की डाली
खुशबू से  उसकी आँगन महकता

 उनींदी सी  आँखों में सूरज की लाली
 तुम्हारी हथेली से सपने वो चुनता

 छाया तुम्हारी, तुम्हारा है दर्पण
 तुम्हारे ही  बल से बनता वो सक्षम

जो आज हो तुम, वो कल वो बनेगा
 तुमसे है जन्मित तुम्ही से सजेगा

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